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भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में इन महत्वपूर्ण कार्य को किया

भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में इन महत्वपूर्ण कार्य को किया



 भगवान श्री कृष्ण के विषय में ऐसे तथ्य को जानकर आप निश्चित रूप से रह जाएंगे दंग

1) भगवान श्री कृष्ण का जन्म 3228 ईस्वी पूर्व श्री कृष्ण सवंत् में श्रीमुख संवत्सर, भाद्रपद कृष्णाष्टमी, बुधवार के दिन कंस के कारागार में हुआ था।

2) उनकी माता का नाम देवकी तथा पिता का नाम श्री वसुदेव था। श्री कृष्ण के जन्म लेने के पश्चात उनके पिता श्री वसुदेव जी ने उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में जाकर नंदबाबा-यशोदा जी के घर में रख आए थे।

3) केवल मात्र 6 दिन की आयु में श्री कृष्ण ने भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार के दिन पूतना राक्षसी का वध किया था जिसने अपने विषयुक्त स्तन का दूध पिला कर श्री कृष्ण को मारना चाहती थी।

4) 1 वर्ष की आयु में उन्होंने तृणावर्त( बवंडर का रूप धारण कर श्री कृष्ण को मारने आया था) का वध किया।

5) 1 वर्ष 5 माह 20 दिन की आयु में माघ शुक्ल चतुर्दशी के दिन उनका अन्नप्राशन हुआ था।

6) 2 वर्ष की आयु में महर्षि गर्गाचार्य ने उनका नामकरण किया।

7) 2 वर्ष 6 माह की आयु में उन्होंने यमलार्जुन (नलकुबेर और मणिग्रीव) का उद्धार किया ।

8) 2 वर्ष 10 माह की आयु में वे गोकुल से वृंदावन गये।

9) 4 वर्ष की उम्र में उन्होंने बत्सासुर( बछड़े का रूप धारण का श्री कृष्ण को मारने आया था) और बकासुर( बगुले का रूप धारण का श्री कृष्ण को मारने आया था) जैसे भयंकर राक्षसों का वध किया।

10) 5 वर्ष की आयु में श्रीकृष्ण ने ब्रह्मा जी के गर्व का खंडन किया था।

11) 5 साल की उम्र में उन्होंने अघासुर( बकासुर का छोटा भाई सर्प का रूप लेकर कृष्ण को मारने आया था) का संहार किया।

12) 5 वर्ष की अवस्था में उन्होंने कालिया नाग का मर्दन किया था।

13) 5 साल 3 माह की अवस्था में उन्होंने गोपियों का चीर हरण किया था।

14) 5 वर्ष 8 माह की उम्र में उन्होंने यज्ञ पत्नियों पर कृपा की।

15) 7 वर्ष 2 माह और 7 दिन की उम्र में भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर धारण कर इंद्र के गर्व का भंग किया। 

16) 7 वर्ष 2 माह और 18 दिन की उम्र में उन्होंने अपने पालक पिता नंद जी को वरुण लोक से मुक्त करा कर लाए।

17) 8 वर्ष 1 माह और 21 दिन की उम्र में उन्होंने गोपियों के संग रासलीला की।

18) 8 वर्ष 6 माह और 5 दिन की उम्र में उन्होंने सुदर्शन गंधर्व का उद्धार किया।

19) 8 वर्ष 6 माह और 21 दिन की आयु में उन्होंने शंखचूड़ नामक राक्षस का संहार किया।

20) 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने अरिष्ठासुर (वृषभासुर) और केशी राक्षस का संहार किया।

21) 10 वर्ष 2 माह और 20 दिन की उम्र में उन्होंने मथुरा जाकर कंस का वध किया और कंस के पिता उग्रसेन को कंस के कारागार से मुक्त कर पुनः सिंहासन पर बिठाया।

21) 11 वर्ष की अवस्था में अवंतिका में संदीपनी मुनि के आश्रम में कुछ ही दिनों में अपनी सारी शिक्षा पूरी की और पंचजन राक्षस का वध करके पंचजन्य शंख को धारण किया।

22) 12 से 28 वर्ष की उम्र तक उन्होंने जरासंध के साथ 17 बार युद्ध किया।

23) 28 वर्ष की उम्र में उन्होंने रत्नाकर (सिंधु सागर) पर द्वारिका नगरी की स्थापना की साथ ही कालयवन को मृत्यु के मुंह में धकेल दिया।

24) 29 से 37 वर्ष की उम्र में उन्होंने विदर्भ नरेश भीष्मक की पुत्री तथा रुक्म की बहन रुक्मिणी का हरण किया, द्वारिका में रुक्मिणी से विवाह किया,  स्यमंतक मणि का उद्धार कर जामवंत की पुत्री जाम्बवती से विवाह किया, सत्राजित की कन्या सत्यभामा और सूर्य की पुत्री कालिंदी के साथ विवाह किया। विंद और अनुविंद को पराजित कर उनकी बहन और जयसेन की पुत्री मित्रविंदा को द्वारिका लाकर उनसे विवाह किया। कौशल के राजा नग्न जीत की कन्या सत्या से पाणिग्रहण किया, उसके बाद उन्होंने कैकेय की राजकुमारी भद्रा से विवाह किया, अंत में उन्होंने भद्र देश के राजा बृहत्सेना की पुत्री लक्ष्मणा के साथ विवाह किया।

इन्हीं वर्षों में उन्होंने सत्यभामा की सहायता से नरकासुर का वध किया और उसकी कैद से 16100 कन्याओं को मुक्त करा कर उनसे विवाह भी किया।

शोणितपुर में बाणासुर के साथ युद्ध किया और उसकी पुत्री उषा के साथ अपने पौत्र अनिरुद्ध का विवाह करवाया। पौंड्रक और काशीराज का वध कर काशी का दहन किया।

25) 38 वर्ष 4 माह और 17 दिन की उम्र में द्रौपदी स्वयंवर में उपस्थित हुए।

26) 39 से 45 वर्ष की आयु में विश्वकर्मा के द्वारा पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ बनवाया।

27) 71 वर्ष की आयु में भगवान श्रीकृष्ण ने सुभद्रा - अर्जुन का विवाह करवाया।

28) 73 वर्ष की आयु में श्री कृष्ण ने खांडव वन दहन में अग्नि और अर्जुन की मदद की

29) 75 वर्ष की आयु में उन्होंने युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ ने उपस्थित हुए।

30) 75 वर्ष 2 माह 20 दिन की अवस्था में उन्होंने भीम के द्वारा जरासंध का वध करवाया।

31) 75 वर्ष 3 माह की उम्र में जरासंध के कैद से 20800 राजाओं को मुक्त किया तथा जरासंध के पुत्र सहदेव का राज्याभिषेक किये।

32) 75 वर्ष 6 माह 9 दिन की उम्र में उन्होंने शिशुपाल का वध किया।

33) 75 वर्ष 7 माह की उम्र में उन्होंने शिशुपाल के भ्राता शाल्व का संहार किया।

34) 75 वर्ष 10 माह और 24 दिन की आयु में उन्होंने हस्तिनापुर के राजसभा में द्रोपदी की लाज बचाई। 

35)89 वर्ष 1 माह 17 दिन की आयु में उन्होंने अभिमन्यु और उत्तरा के विवाह में सम्मिलित हुए।

36) 89 वर्ष 2 माह की आयु में उन्होंने दुर्योधन और अर्जुन दोनों को मदद करने की स्वीकृति दी तथा अर्जुन का सारथी बनना भी स्वीकारा।

37) 89 वर्ष 2 माह 8 दिन की आयु में उन्होंने पांडवों का संधि प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर दरबार में पहुंचे।

38) 89 वर्ष 3 माह 17 दिन की उम्र में उन्होंने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। प्रथम महाभारत युद्ध के दौरान पांडवों की सहायता भी की।

39) 89 वर्ष 4 माह 8 दिन की आयु में उन्होंने अश्वत्थामा को तीन हजार वर्षों तक तक वन में भटकने का श्राप दिया तथा गांधारी का श्राप को ही स्वीकार किया।

40) 89 वर्ष 7 माह 7 दिन की उम्र में उन्होंने युधिष्ठिर का राज्याभिषेक किया।

41) 91 वर्ष की उम्र में उन्होंने युधिष्ठिर के अश्वमेध यज्ञ में उपस्थित हुए।

42) 125 वर्ष 4 माह की उम्र में गांधारी के श्राप के अनुसार यदुकुल का विनाश हुआ।

43) 125 वर्ष 5 माह की आयु में उद्धव को उपदेश दिया।

44) 125 वर्ष 5 माह और 21 दिन की आयु में भगवान श्री कृष्ण का स्वर्गारोहण हुआ तत्पश्चात कलियुग का प्रारंभ हुआ।





 

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