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Class 6 Hindi Path 2 Haar Ki Jeet Notes

 Class 6 Hindi Path 2 Haar Ki Jeet Notes

हार की जीत!

शब्दार्थ :-

अर्पण= सौंपना 

उपलब्ध = प्राप्त 

अभिलाषा= इच्छा ,चाह 

अस्तबल= घोड़ा रखने की जगह

प्रतिक्षण= हर पल , प्रत्येक क्षण 

अपाहिज= जिसका कोई अंग भंग हो 

परमात्मा= ईश्वर 

नदारद = किसी जगह पर नहीं होना, गायब 

असबाब= सामान 

छवि =तस्वीर 

आश्चर्य =अचरज 

अधीरता =धैर्य का अभाव 

कंगाल = गरीब, 

दुखियारा = दुःखी आदमी 

वैद्य = आयुर्वेद चिकित्सक

उस्ताद= गुरु, जानकार 

टपक = बूंद -बूंद गिरना 

त्यौरी= भौंह 

कोसना= भला -बुरा कहना 

खरहरा= घोड़े के शरीर को साफ करने वाली कंघी

कक्षा 6 हिंदी पाठ 1 "वीर तुम बढ़े चलो" प्रश्न उत्तर सहित

उत्तर लिखें-

1) बाबा भारती ने खड्ग सिंह से सुलतान की प्रशंसा किन शब्दों में की?

उत्तर- बाबा भारती ने सुलतान के बारे में खड्ग सिंह से बताया कि यह विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे। उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी । जो उसे एक बार देख लेता है उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।


2) खड्ग सिंह ने सुलतान को पाने के लिए क्या युक्ति अपनाई?

उत्तर- खड्ग सिंह ने सुलतान को पाने के लिए एक कंगले भिखारी का रूप बनाकर बाबा भारती के गुजरने वाले रास्ते में पेड़ के नीचे अपाहिज बनकर कराहने लगा। बाबा के पूछने पर उसने कहा कि बाबा इस दीन- दुखिया पर दया करो । वैद्य दुर्गा दत्त का सौतेला भाई हूँ। रामावाला गाँव  यहाँ से 3 मील दूर है,  वहीं जाना है। हमें घोड़े पर बैठा लो। बाबा ने जैसे ही उसे घोड़े पर बैठाया तो उसने बाबा भारती को धक्का मार कर जमीन पर गिरा दिया और तेजी से सुलतान की लगाम लेकर भाग गया। 


3) बाबा भारती ने खड्ग सिंह से क्या प्रार्थना की और क्यों?

उत्तर- बाबा भारती ने खड्ग सिंह से प्रार्थना करते हुए कहा कि- ठहर जाओ । परंतु एक बात सुनते जाओ। यह घोड़ा तुम्हारा हुआ। किंतु इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना क्योंकि यदि लोगों को यह घटना पता चल गई तो वे किसी दीन -दुःखी पर विश्वास न करेंगे।


4) बाबा भारती द्वारा अपना अनुरोध के कारण समझाने के बाद खड्ग सिंह के मन में क्या विचार उत्पन्न हुए?

उत्तर- बाबा भारती द्वारा अपने अनुरोध के कारण समझाने के बाद खड्ग सिंह के मन में विचार आया कि जिस घोड़े से वे इतना प्यार करते थे। उसके लिए उनके मुख पर दुःख की रेखा तक दिखाई न पड़ी। केवल उनको इस बात का डर था कि कहीं लोग दीन- दुखियों पर विश्वास करना न छोड़ दें। ऐसा मनुष्य, मनुष्य नहीं, देवता है।


5) घोड़े को पुनः पाकर बाबा भारती ने किस प्रकार अपनी प्रसन्नता व्यक्त की?

उत्तर- घोड़े को पुनः पाकर बाबा भारती ने अपने प्यारे घोड़े के गले से लिपट कर इस प्रकार रोने लगे जैसे कोई पिता बहुत दिन के बिछुड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरते, बार-बार उसके मुँह पर थपकियाँ देते। फिर संतोष से बोले- "अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा।"


6) आपकी समझ में किसकी हार और किसकी जीत हुई? कारण देते हुए उत्तर दें।

उत्तर- मेरी समझ में बाबा भारती हार कर भी जीत जाते हैं और डाकू खड्ग सिंह जीत कर भी हार जाता है क्योंकि बाबा भारती द्वारा कहे गए शब्द से डाकू खड्ग सिंह आंदोलित हो उठता है, उसका मन परिवर्तित हो जाता है। वह घोड़ा पुनः बाबा भारती के अस्तबल में रात्रि में चोरों की तरह चुपके से बाँध आता है। 


7) इस कहानी का शीर्षक "हार की जीत" क्यों रखा गया है?

उत्तर- इस कहानी का शीर्षक हार की जीत इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें बाबा भारती की भलाई डाकू खड्ग सिंह की बुराई पर इतनी भारी पड़़ी कि दिन में घोड़ा को छीन लेने वाला डाकू खड्ग सिंह रात के अंधेरे में बाबा का घोड़ा अस्तबल में बाँध जाता है।


8) इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एक बुरे आदमी के हृदय में भी अच्छाई रहती है। सिर्फ उसे प्रेरित करने की आवश्यकता है।


भाषा संदर्भ:-

1) विलोम शब्द लिखें-

प्रशंसा - निंदा 

विश्वास - अविश्वास 

आकाश - पाताल 

सावधान - असावधान 

पवित्र - अपवित्र 

2) मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग करें-

क) हृदय पर सांप लोटना (ईर्ष्या से दुखी होना)= राम कक्षा में प्रथम आने पर श्याम के हृदय पर साँप लोटने लगा। 

ख) दिल टूट जाना( बहुत दुखी होना )= सीता परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर उसका दिल टूट गया।

ग) मुँह मोड़ना( विमुख होना)= अच्छे दोस्त कभी भी मुँह मोड़ कर नहीं जाते।

घ) फूला ना समाना( बहुत प्रसन्न होना)= परीक्षा में प्रथम आने पर मेरे माता-पिता फूले नहीं समा रहे थे।


3) निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए-

अच्छा- अच्छाई 

बुरा - बुराई 

सच - सच्चाई 

चतुर - चतुराई/ चतुरता 

सजाना - सजावट 

बीमार - बीमारी

बच्चा- बचपन 

मीठा - मिठास 

चढ़ना - चढ़ाई 

सर्द- सर्दी


4) निम्नलिखित वाक्यों में यथा स्थान पूर्ण विराम(। )का चिन्ह लगाइए-

क) शुरू में यह ताल धीरे-धीरे बजती है

=> शुरू में यह ताल धीरे-धीरे बजती है।

ख) मेरा नाम दयाराम है मैं व्यापारी हूँ मैं लोहरदगा का रहने वाला हूँ 

=> मेरा नाम दयाराम है। मैं व्यापारी हूँ। मैं लोहरदगा का रहने वाला हूँ ।

ग) आपको मेरा सिर चाहिए मेरा सिर हाजिर है 

=> आपको मेरा सिर चाहिए। मेरा सिर हाजिर है।




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