1. इन शब्दों के अर्थ लिखें:-
उद्यान= बगीचा
प्रतिदिन =रोज
दस्तूर =आदत
तरकीब= उपाय
अनुमान =धारणा
असीम= बिना किसी सीमा के
कोलाहल= हो हल्ला
मृदुल =कोमल स्वभाव
क्षीण= समाप्त
वृद्धा= बुढ़िया
विस्मय= आश्चर्य
उत्सुक= इच्छुक
संपत्ति= दौलत
निकट= पास
निरखना= ध्यान से देखना
एहसान= उपकार
अप्रतिभ= प्रतिभाहीन
अनुभव= सहज ज्ञान
विस्मयादि= हैरानी
प्रतिष्ठित= सम्मानित
उस्ताद= गुरु
स्मरण= याद
चेष्टा= कोशिश
हर्ष= खुशी
व्यर्थ= बेकार
विधाता= ईश्वर
संशय= संकोच
2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-
क) मिठाईवाला किस तरह से अपने आगमन की सूचना देता था?
उत्तर- मिठाईवाला अपने आगमन की सूचना देने के लिए आवाज लगाता था- बच्चों को बहलाने वाला, मिठाई वाला, खिलौने वाला, मुरली वाला आदि।
ख) बच्चे मिठाई वाले के पास क्यों खींचे चले आते थे?
उत्तर- मिठाईवाला बहुत ही मादक- मधुर ढंग से आवाज लगाता था- बच्चों को बहलाने वाला, मिठाई वाला उसके स्नेहाभिशिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर बच्चों के मन में हलचल मच जाती थी। इसलिए उसके मीठे स्वर से बच्चे उसके पास खींचे चले आते थे।
ग) रोहिणी को मुरली वाले के स्वर से खिलौने वाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर- रोहिणी को मुरली वाले का स्वर जाना पहचाना- सा लगा। उसे याद आया कि मुरली वाले की तरह ही खिलौने वाला भी इसी तरह मधुर गाना गाकर खिलौने बेचा करता था। इसलिए रोहिणी को खिलौने वाले का स्मरण हो आया।
घ) कहानी के अंत में मिठाई वाले ने किस कारण ऐसा कहा- "अब इस बार ये पैसे न लूँगा।"
उत्तर- मिठाई वाले के पास पैसे की कमी नहीं थी। वह केवल दूसरे बच्चों की खुशी में अपने बच्चों की मुस्कान ढूँढ़ता था। वह अपने बीते हुए जीवन को याद करके भावुक हो उठा था। चुन्नू- मुन्नू के द्वारा मिठाई मांगने पर उसे अपने बच्चों की याद आ गई थी। उसे लगा कि वह अपने बच्चों को मिठाई दे रहा है। इसलिए मिठाई वाले ने कहा कि अब इस बार ये पैसे न लूँगा
ङ) मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कैसे कम करता है? लिखिए।
उत्तर- पहले मिठाई वाला भी नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। उसके पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी- घोड़े, नौकर -चाकर सब कुछ था। उसकी अपनी पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे भी थे। उनसे वह बहुत प्यार करता था। किंतु एक दुखद घटना के कारण अब कोई भी नहीं बचा। अतः वह बच्चों को कम पैसे में कभी खिलौने, कभी मुरली, कभी मिठाई बेचा करता था और बच्चों को प्यार देता था ।यह सब करके उसे ऐसा लगता था जैसे वह अपने बच्चों को प्यार दे रहा है। इस प्रकार दूसरों को प्यार और खुशी देकर मिठाईवाला अपना दुःख कम करता था।
च) बताइए फेरीवाले किस प्रकार हमारे मददगार हैं?
उत्तर- फेरीवाले घर बैठे ही हमें अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ उपलब्ध करा देते हैं और हमारा कीमती समय खर्च होने से बच जाता है। इस प्रकार वे हमारी बड़ी मदद करते हैं।
छ) मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर- मिठाईवाला अलग-अलग चीजें बेचता था क्योंकि वह बच्चों को बहुत प्यार करता था। उसे लगता था कि अलग-अलग चीजें बेचने से बच्चें उनकी ओर आकर्षित होंगे, उसके पास आएंगे, जिससे उसे बच्चों के सानिध्य का सुख मिलेगा। वह महीनों बाद इसलिए आता था ताकि बच्चे यह भूल जाएँ कि पहले वह क्या भेजता था। वह संपन्न घराने का था। उसे पैसों की कमी नहीं थी। उसे छोटे बच्चों से बहुत लगाव था। उनका सानिध्य पाने के लिए वह आ- जाया करता था और सस्ते दामों में सामान बेच दिया करता था। वह बच्चों के लिए नई- नई चीजें जैसे- मुरली, तरह-तरह के खिलौने लाया करता था। उन चीजों को बनाने में समय लगता था। इसलिए वह महीनों बाद आता था।
भाषा संदर्भ:-
1) लिंग की परिभाषा लिखें। लिंग कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- जिस शब्द से स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं।
लिंग दो प्रकार के होते हैं-
क) पुल्लिंग- जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे- सूर्य, पर्वत, दिन आदि ।
ख) स्त्रीलिंग - जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।
जैसे - पृथ्वी, नदी, बस आदि।
2) निम्नलिखित वाक्यों का लिंग बताएं-
क) रोहिणी नीचे उतर आई। - स्त्रीलिंग
ख) टोपी गली में गिर पड़ी। - स्त्रीलिंग
ग) मुरली वाला हर्ष से गदगद हो उठा। - पुल्लिंग
घ) जूता पार्क में ही छूट गया।- पुल्लिंग
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