कक्षा 6 हिंदी पाठ 4 आओ लिख लें नई कहानी का प्रश्नोत्तर
आओ लिख लें नई कहानी
शब्दार्थ:-
दौर जमाना युग
इरादा- विचार
मनन- मन में विचार करना
ज्ञानगंगा- ज्ञान की गंगा
जन- मनुष्य
कोच- प्रशिक्षक
संस्थान- प्रशिक्षण या शिक्षा देने की जगह
दुविधा- अनिर्णय की स्थिति
नीलाम- सार्वजनिक बोली लगाकर विक्री
चिर परिचित- पुरानी जान-पहचान
फौलादी- मजबूत; दृढ़
तरुण- युवा
अनपढ़ - जो पढ़ा लिखा ना हो
जगजाहिर- मशहूर; विख्यात
उत्थान- विकास; ऊपर उठना
कीर्तिमान- उपलब्धियाँ
प्रांत- प्रदेश
माद्दा- क्षमता; योग्यता
प्रतिद्वंदी - विरोधी
अर्थ लिखें:-
1) नानी वाली कथा- कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।
बेटी- युग के नए दौर की, आओ लिख लें नई कहानी। ।
बेटी-युग में बेटा-बेटी,
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे ।
फौलादी ले नेक इरादे,
खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे।
अर्थ:- प्रस्तुत पद्यांश आनंद विश्वास द्वारा रचित "आओ लिख लें नई कहानी" शीर्षक कविता से उद्धृत है। इन पंक्तियों में कवि वर्तमान समाज को अतीत से तुलना करते हुए कहता है कि पहले बच्चों को शिक्षा, सीख नानी- दादी और कथा- कहानियों से दी जाती थी। वहीं वर्तमान समय में बेटियाँ देश के लिए ऐसा होनहार काम करती हैं जो इतिहास बन जाते हैं। वहीं कवि राष्ट्र निर्माण के लिए न केवल बेटी बल्कि बेटे और बेटियाँ दोनों को समान रूप से जिम्मेदार मानता है। दोनों पढ़ेंगे और देश को आगे ले जाएंगे। दोनों अपने-अपने कीर्तिमान इस रूप से स्थापित करेंगे कि देश का नया इतिहास बन जाय। यही कवि की इच्छा है।
2) देश पढ़ेगा, देश बढ़ेगा, दौड़ेगी अब तरुण जवानी।
नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।
बेटा शिक्षित, आधी शिक्षा,
दोनों शिक्षित, पूरी शिक्षा,
हमने सोचा, मनन करो तुम,
सोचो समझो करो समीक्षा।
अर्थ:- प्रस्तुत पद्यांश आनंद विश्वास द्वारा रचित "आओ लिख लें नई कहानी" शीर्षक कविता से उद्धृत है। इन पंक्तियों में कवि का कहना है कि यदि हम केवल बालकों को शिक्षित करें तो शिक्षा आधी रह जाएगी। अगर बालक- बालिका दोनों को शिक्षित किया जाए तो पूर्ण शिक्षा का लक्ष्य पूर्ण हो सकेगा। इस संसार में आधी संख्या बालिकाओं की है और आधी संख्या बालकों की है। हमें सोच समझकर बालिका शिक्षा हेतु उचित कदम उठाना चाहिए। अगर उचित कदम उठाया जाए तो निश्चय ही पूर्ण शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त कर संपूर्ण देश को शिक्षामय बनाकर देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सकेगा। यही कवि की इच्छा है।
3) सारा जग शिक्षा में करना, हमने सोचा मन में ठानी।
नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।
अब कोई ना अनपढ़ होगा।
सबके हाथों पुस्तक होगी।
ज्ञान-गंगा की पावन धारा,
सबके आँगन तक पहुंचेगी।
अर्थ:- प्रस्तुत पद्यांश आनंद विश्वास द्वारा रचित "आओ लिख लें नई कहानी" शीर्षक कविता से उद्धृत है। इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि सारा संसार किस तरह शिक्षामय हो, यही मन में प्रतिज्ञा लेकर आगे बढ़ना है। पहले जमाने का नानी-दादी की किस्सों वाली कहानियाँ वर्तमान में पुरानी हो गई है। अब कोई अनपढ़ नहीं रहेगा क्योंकि हर बच्चों के हाथ में पुस्तक मिल जाएगी। ज्ञान रूपी गंगा की पावन धारा सबके आँगन तक पहुँच जाएगी और सब लोग पढ़ना-लिखना सीख जाएँगे।
4) पुस्तक और कलम की शक्ति, जगजाहिर जानी-पहचानी।
नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।
बेटी-युग सम्मान पर्व है,
पुण्य-पर्व है, ज्ञान-पर्व है।
सब सबका सम्मान करें तो,
जन-जन का उत्थान-पर्व है।
अर्थ:- प्रस्तुत पद्यांश आनंद विश्वास द्वारा रचित "आओ लिख लें नई कहानी" शीर्षक कविता से उद्धृत है। इन पंक्तियों में कवि का कहना है कि पुस्तक और कलम की शक्ति तो सदा से जानी और पहचानी हुई है। पहले जमाने की नानी-दादी की किस्से वाली कहानियाँ वर्तमान में पुरानी हो गई है। बेटी युग हमारे लिए सम्मान का युग होगा क्योंकि उनके ज्ञान के विकास से हमें पुण्य भी प्राप्त होगा, जो समाज के लिए एक त्यौहार के समान होगा। यदि हम समान रूप से सब का सम्मान करें तो जन-जन का उत्थान और विकास होगा।
उत्तर लिखें:-
1) इस कविता में 'बेटी-युग' से कवि का क्या तात्पर्य है? कवि को इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
उत्तर- इस कविता में 'बेटी-युग' से कवि का तात्पर्य यह है कि आज बेटी युग की आवश्यकता है ताकि बेटी और बेटे के बीच का अंतर मिट जाए। दोनों को पढ़ा-लिखा देने से ही समाज का चहुँमुखी विकास हो पाएगा।
2) आपकी समझ से हम सब मिलकर कैसा इतिहास गढ़ेंगे?
उत्तर- हमारी समझ में हम सब मिलकर ऐसा इतिहास गढ़ेंगे जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा प्राप्त हो सके। भारत में अमीर- गरीब, पढ़ा- अनपढ़ आदि का भेद मिट जाये। देश उन्नति के शिखर पर पहुँच जायेे।
3) बेटी-युग को सम्मान-पर्व, पुण्य-पर्व तथा ज्ञान-पर्व क्यों कहा गया है?
उत्तर- बेटी-युग को सम्मान-पर्व, पुण्य-पर्व तथा ज्ञान-पर्व इसलिए कहा गया है क्योंकि बेटी का महत्व देने से हम सम्मान, पुण्य एवं ज्ञान रूपी तीनों पर्व को मना सकते हैं। समाज में बेटियों को बेटों के समान दर्जा देकर शिक्षित बनाने का प्रयास करना चाहिए जिससे संपूर्ण देश शिक्षित कहलाएगा।
4) कवि ने "सोने की चिड़िया" किसको कहा है और क्यों?
उत्तर- कवि ने हमारा देश भारत को "सोने की चिड़िया" कहा है क्योंकि हमारे समाज में बेटी-युग का आगमन हो चला है। उसी के बल पर स्वाभाविक रूप से हमारा देश भी समृद्धशाली और वैभवशाली कहलाएगा।
5) ज्ञान-गंगा की पावन धारा सबके आँगन तक कैसे पहुंचेगी?
उत्तर- यदि बेटा पढ़ता है तो आधा घर पढ़ेगा। बेटी पढ़ेगी तो पूरा घर पढ़ेगा। अतः बेटी के शिक्षित रहने पर ही ज्ञान की पवित्र धारा हर घर-आँगन तक पहुँच पाएगी।
6) कवि को बेटी-युग की हवा सुहानी क्यों लग रही है?
उत्तर- बेटी-युग के कारण ही हमारे शिक्षा, संस्कार एवं अर्थ उपार्जन तीनों सुदृढ़ हो जाएगा। अतः कवि को बेटी-युग की हवा सुुुहानी महसूस हो रही है।
1 Comments
Good
ReplyDelete